अनेक देश : असंख्य परेशान लोग ---डॉ. तरसेम गुजराल
आज पूरी दुनिया के अधिकांश मुल्कों के लोग किसी न किसी तरह के डर और अनिश्चय में जी रहे मालूम पड़ते हैं। एक गीत में कहा गया-सीने में को जलन आँखों में तुफान सा क्यों है, इस शहर का हर शख्स परेशान सा क्यों है? शहर की जगह दुनिया कह लें तो बात कुछ सरल हो जाती है। चीजों ळ माल हो जाती है। नीलों के असली हकदार…